Mufasa: The Lion King Movie Review: शाहरुख खान ने सिंबा और अबराम ने मुफासा की हिंदी वर्जन के ‘मुफासा: द लायन किंग’ में डबिंग की। डबिंग और बेतरीन विजुअल्स ने फिल्म को शानदार बना दिया, लेकिन कहानी में कुछ कमी थी। यहां पढ़ें रिव्यू…

Mufasa: The Lion King Movie Review: मुफासा: द लायन किंग दुनिया भर में रिलीज हो चुकी है, जिसमें एक ऐसे राजा के जीवन की झलक देखने को मिलती है जो अपने पिता की गद्दी संभालने वाला है। लेकिन, सिंहासन का दावा करने वालों के बीच वह अपनी योग्यता को दिखाते हुए उसका हकदार बन जाता है। ये 2019 की फिल्म ‘द लायन किंग’ का प्रीक्वल है। मुफासा और शाही खून पर बेस्ड इस फिल्म की कहानी में मुफासा का राजा बनाने का सफर दिखाया जाता है।

जहां 2019 की रिलीज में आर्यन खान ने सिंबा की आवाज के रूप में अपनी शुरुआत की थी। वहीं 2024 की रिलीज में शाहरुख खान के छोटे बेटे अबराम ने भी अपनी आवाज देते हुए डबिंग की दुनिया में कदम रख दिया है। आर्यन खान ने सिंबा के किरदार को तो अबराम ने मुफासा के छोटे वर्जन की डबिंग की है। इस बार हॉलीवुड फिल्म में बॉलीवुड टच भी दिया गया है।

कहानी

Mufasa: The Lion King‘ की शुरुआत सिंबा की बेटी कियारा को उसके दादा की कहानी सुनाकर राफिकी से होती है। जबकि मुफासा की कहानी को अच्छे से पेश नहीं किया गया है। जहां सिंबा को टिमन और पुंबा के रूप में लगातार मौज-मस्ती और बेतुकी बातें करते देखा जाता है। लेकिन, आप उनकी असली पहचान को पेश करने में मेकर्स चुक गए क्योंकि ‘The Lion King‘ की तुलना में प्रीक्वल में कुछ खास देखने को नहीं है। हालांकि, कियारा के ‘दादू’ होने के नाते राफिकी ने मुफासा और ताका की कहानी में अपनी भागीदारी निभाते हुए किरदारों को अच्छे से पेश करने की कोशिश की है।

फिल्म की कहानी मुफासा से शुरू होती है जो छोटी उम्र में अपने माता-पिता से अलग हो जाता है और उन्हें भूलने में उसे बहुत मुश्किल होती है। बाद में मुफासा की मुलाकात ताका और उसकी मां आफिया से होती है, जो दोनों की बराबर देखभाल करती है और मुफासा को अपने बेटे से कम नहीं मानती। आफिया, मुफासा को राजा बनाने में मदद करती है। अफसोस की बात यह है कि मुफासा की कहानी हैप्पी एंडिंग से नहीं होती है। वहीं मुफासा कीरोस टाका को मारने की कसम खाता है।

भागने और खुद का बचा करने के लिए दोनों भाई बेहतर जीवन के लिए प्राइड लैंड की ओर भागते हैं, जबकि कीरोस एक चुड़ैल के शिकार हो जाता है। हालांकि, इस सब के बीच वे सरबी और जाजू से मिलते हैं। बॉलीवुड स्टाइल में किरदारों को एक के बाद एक करके पेश किया जाता है। टाका सरबी को पसंद करता था, लेकिन सरबी मुफासा से प्यार करती है। वहीं फिल्म में एक लड़की को पाने के लिए दो भाइयों के बीच झगड़े देखने को मिलते है। फिल्म का दूसरा भाग कई सवालों के जवाब देता है जैसे कि सरबी की वजह से टाका, मुफासा को कैसे धोखा देता है, क्या धर्मी नेता खुद को और कीरोस से दूसरे को पहचान सकता है और शाही खून का टाका कैसे स्कार में बदल जाता है?

निर्देशन और लेखन

ऐसे समय में जब कई फिल्म फ़्रैंचाइजी सीक्वल के साथ पैसे कमाने में लगी हुई है। वहीं हॉलीवुड फिल्म मेकर बैरी जेनकिंस नया रास्ता अपनाते हुए हैं धमाका करने वाले हैं। हालांकि, कहानी वही रहती है राजा बनाने की। हालांकि ‘मुफासा: द लायन किंग’ अपने दर्शकों को 2019 की कहानी की तरह इस बार खुद से बंधे रखने में विफल रही है। कई ऐसे सीन्स हैं जिन्हें बेहतरीन बनाने में फिल्म निर्माता चुक गए। इसके अलावा, उन्होंने टाका को भी गलत तरीके से पेश किया। वह भी फिल्म की कमी को दिखाता है।

‘भविष्य के राजा’ से गद्दार स्कार तक की उनकी फिल्म की कहानी में राजा को अच्छे से पेश नहीं किया है। इसके अलावा, इस फिल्म की लंबी कहानी में बताने के लिए बहुत कुछ था, लेकिन फिर भी फिल्म में बहुत कुछ बोरिंग सा लगा। पहली फिल्म की तरह कुछ अच्छे एनिमल एक्शन सीक्वेंस भी देखने को मिले। लेकिन, ‘मुफासा: द लायन किंग‘ में कई ऐसे सीन भी देखने को मिले, जिनकी सराहना की जानी चाहिए। जैसे इसका संगीत, अच्छे डायलॉग्स, शानदार विजुअल्स और बेहतरीन हिंदी डबिंग ने फिल्म में जान फूंक दी।

हिंदी डबिंग

मुफासा के रूप में शाहरुख खान ने धूम मचा दी। किंग खान न केवल ने इस किरदार को आवाज देते हुए सभी का दिल जीत लिया हैं बल्कि अपनी वॉयस से कहानी में जान फूंक दी। किंग खान ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वह बॉलीवुड के मल्टी टैलेंटेड स्टार हैं। उनकी एक्टिंग से लेकर आवाज तक बहुत दमदार है। उन्होंने बिना किसी कनेक्शन के फिल्मी दुनिया में खूब नाम कमाया है। एक सुपरस्टार जिसने दूसरे आउटसाइडर्स के लिए रास्ता बनाया और फिल्मों से धूम मचा दी।

दूसरी ओर, अब्राम ने सिंबा को तलाशने के लिए कम है। राफ़िकी के रूप में मकरंद देशपांडे बेहतरीन कम किया है और आपको जाजू के रूप में असरानी की कमी खलेगी, लेकिन पुंबा और टिमन के रूप में संजय मिश्रा और श्रेयस ने कमी पूरी करने की कोशिश की है। लेकिन सबसे ज्यादा ताका के रूप में मेयांग चांग को पसंद किया गया। डबिंग में उन्होंने शाहरुख के साथ धमाका कर दिया।

कैसी है फिल्म

मुफासा: द लायन किंग वन टाइम वॉच फिल्म है। यह फिल्म लाइफ की कुछ खास बातों के बारे में है जो आपको एक लेसन देती है और आपको एक बार फिर से अपना बचपन जीने का मौका देती है। इसके अलावा हमारे ओजी राजा के बचपन को जानना अपने आप में एक काफी अच्छा एक्सपीरियंस है। बॉलीवुड लवर्स को भी यह फिल्म पसंद आएगी क्योंकि इसमें हिंदी फिल्मों का टच दिया गया है। कुछ कमियों को छोड़ दें तो मुफासा: द लॉयन किंग एक बेहतरीन हिंदी डब फिल्म है जो 2.5 स्टार की हकदार है।

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