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Oscars में क्यों पहुंचा ऐश्वर्या राय का 16 साल पुराना आइकॉनिक लहंगा? वजह जान दिल हो जाएगा बाग-बाग

ऐश्वर्या राय और ऋतिक रोशन की ‘जोधा अकबर’ को रिलीज हुए सालों हो गए हैं, लेकिन अब भी अपनी भव्यता के लिए यह फिल्म चर्चा में रहती है। एआर रहमान के यादगार म्यूजिक और कलाकारों की जबरदस्त अदाकारी के साथ ही इस फिल्म में ऐश्वर्या द्वारा पहने लहंगे भी खूब पसंद किए गए थे।

ग्लोबल आइकन और भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक, ऐश्वर्या राय बच्चन सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा रही हैं। ऐश्वर्या अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपनी फिल्मों के लिए भी मशहूर हैं। इस बीच अभिनेत्री फिर चर्चा में हैं। ऐश्वर्या ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया, जिनमें से एक आशुतोष गोवारिकर की 2008 की ‘जोधा अकबर’ भी शामिल है। इस फिल्म में उन्होंने ‘जोधा बाई’ का किरदार निभाया और अपने कभी ना भूल पाने अभिनय से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।

ऑस्कर पहुंचा ऐश्वर्या का लहंगा

‘जोधा अकबर’  की भव्यता, कहानी और ट्रेडिशनल वेशभूषा ने दर्शकों को वैभव के ऐतिहासिक युग में पहुंचा दिया था। इस फिल्म की कहानी या सेट ही नहीं, पोशाकें भी खूब चर्चा में रहीं। अब जोधा अकबर में ऐश्वर्या का पहना लहंगा ऑस्कर तक पहुंच गया है। जोधा अकबर फिल्म में ऐश्वर्या द्वारा पहना गया लाल शादी का लहंगा प्रतिष्ठित ऑस्कर म्यूजियम में पहुंचा और दुनिया भर के प्रशंसकों से तारीफें हासिल कीं। ऑस्कर म्यूजियम द्वारा एक पोस्ट के जरिए बताया गया कि इस लहंगे को प्रदर्शनी में शामिल करने के लिए डिस्प्ले किया गया है।

एकेडमी म्यूजियम में होगा फीचर्ड

एकेडमी ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर जानकारी दी है। एकेडमी द्वारा पोस्ट शेयर करते हुए ऐश्वर्या के जोधा-अकबर में पहने गए लहंगे को ट्रिब्यूट दिया गया है। फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है- ‘एक रानी के लिए सबसे उपयुक्त लहंगा, सिल्वर स्क्रीन के लिए डिजाइन किया गया।’ इस पोस्ट में डिजाइनर नीता लुल्ला की शिल्प कौशल का जश्न मनाया गया।

लहंगे की खासियत

एकेडमी द्वारा शेयर किए गए पोस्ट में आगे लिखा गया- ‘जोधा अकबर (2008) में, ऐश्वर्या राय बच्चन का लाल शादी का लहंगा आंखों को सुकून देने वाला है। वाइब्रेंट जरदोज़ी कढ़ाई, सदियों पुरानी शिल्प कौशल और एक छिपा हुआ रत्न – सचमुच। बारीकी से देखें और आपको भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर दिखाई देगा, जो पूरी तरह से गहनों से बना है। नीता लुल्ला ने कोई पोशाक डिजाइन नहीं की, उन्होंने एक विरासत तैयार की। अकादमी संग्रहालय की कलर इन मोशन प्रदर्शनी में इतिहास में कदम रखें।’