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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पूरा खानदान भी अगर आ जाए, फिर भी BJP के लिए कोई चैलेंज नहीं है।

सूरत: केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने गुजरात के सूरत में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गांधी परिवार पर निशाना साधा और अजमेर में कोर्ट के सर्वे के आदेश पर भी बयान दिया। गिरिराज ने कहा कि प्रियंका गांधी के आने से बीजेपी के लिए कोई चैलेंज नहीं है। पूरा खानदार आ जाए, तो भी हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। न वह देश के लिए चैलेंज है और ना हमारी पार्टी के लिए चैलेंज है।

नेहरू, अजमेट सर्वे और संभल हिंसा पर भी दिया बयान

गिरिराज ने कहा, ‘देश का दुर्भाग्य रहा कि नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री रहे, अगर सरदार पटेल होते तो आज किसी को कोर्ट में जाकर सर्वे के लिए अर्जी नहीं देनी पड़ती। तुष्टिकरण की नीति के कारण नेहरू ने पूरे झंझट लगाने का काम किया। ऐसी मस्जिदों को पहले ही हटा दिया होता तो ये नौबत ही नहीं आती। कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया, जो कानून को नहीं मानने वाले है वही संभल की घटना और अजमेर चाहते हैं।’

उन्होंने कहा कि अजमेर में कोर्ट ने सर्वे करने का आदेश दिया है तो क्यों दिक्कत है? टुकड़े टुकड़े गैंग कह रही है कि दरगाह और गुरुद्वारा कहां से आ गया। अफवाह फैलाने का काम क्यों करते हैं? गुरुद्वारों ने तो मुगलों के शासन में भारत के हिंदुओं को बचाने का काम किया था।

ईवीएम पर भी बोले गिरिराज

गिरिराज ने ये भी कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन ने शपथ ली, सभी लोग गए थे, वह ईवीएम ठीक थी? जब जीत जाते हैं तब मीठा मीठा गट गट, ओर हार गए तो? भ्रम फैलाना अब नहीं चलेगा। महाराष्ट्र में उनकी विश्वनीयता गिरी है। इसके कारण कांग्रेस हारी है। जब हारो तो ईवीएम।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सांसद जीत गया तो राहुल डंका पीट रहे थे, मैंने हरा दिया, मैंने हरा दिया। वहां ईवीएम ठीक था। यह लोग अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। उनको महाराष्ट्र की हार को स्वीकारना पड़ेगा।

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा: गिरिराज

गिरिराज ने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा। आज रात तक नाम फाइनल हो जाएगा। हमारी तीनों पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। बांग्लादेश की स्थिति पर उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने नेहरू को कहा था कि उन्हें पाकिस्तान भेजो, अगर नहीं करोगे तो देश में सामाजिक समरसता नहीं बनेगी।

आज उसी कारण से देश में बबाल हो रहा है। बांग्लादेश पहले पाकिस्तान में ही था अब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। दुनिया में कहीं ऐसा नहीं हो रहा है जो बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है पर बंगाल त्रिपुरा में तो हिंदू विरोध में खड़े भी रहे पर राहुल और टुकड़े टुकड़े गैंग की जुबान हिन्दुओं के हित में नहीं है।

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महाराष्ट्र चुनाव में अब तक आए रुझानों में भाजपा-शिवसेना(शिंदे) गठबंधन ने 200 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है। इंडी गठबंधन की बड़ी हार होती दिखाई दे रही है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि यूपी के सीएम योगा का “बंटोगे तो कटोगे” और पीएम मोदी का “एक हैं तो सेफ हैं” का नारा महाराष्ट्र में हिट हो गया है।

मुंबईः महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना (शिंदे) गठबंधन (महायुति) अब तक आए रुझानों में बहुमत के आंकड़े से काफी आगे निकल गया है। वहीं इंडी गठबंधन फिर बुरी तरह चुनाव हारता हुआ दिख रहा है। हालांकि अभी फाइनल नतीजे आने में समय है, लेकिन अब तक के रुझानों से साफ हो गया है कि भाजपा-शिवसेना(शिंदे) गठबंधन राज्य में दूसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। ऐसे में क्या माना जाए कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का “बंटोगे तो कटोगे” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “एक हैं तो सेफ हैं” का नारा महाराष्ट्र में भी हिट हो गया है।

फिलहाल अब तक के रुझान तो यही संकेत दे रहे हैं। यूपी के सीएम और फायरब्रांड हिंदुत्व का चेहरा बने योगी आदित्यनाथ ने अपने “बंटोगे तो कटोगे” के नारे को महाराष्ट्र के हर जनसभाओं में प्रमुखता के साथ लोगों के बीच पहुंचाया था। वहीं पीएम मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” नारे को भी भाजपा जन-जन तक पहुंचाने में कामयाब रही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम योगी और पीएम मोदी का यह नारा महाराष्ट्र के चुनावों में भी हरियाणा की तरह सुपर हिट हो गया है।

हरियाणा में पहली बार सीएम योगी और पीएम मोदी ने दिया था ये नारा

हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा के चुनावों में सीएम योगी ने “बंटोगे तो कटोगे” और पीएम मोदी ने “एक हैं तो सेफ हैं” का नारा दिया था। इस राज्य में भाजपा ने सबको चौंकाते हुए पहली बार हैट्रिक लगा दी तो भाजपा ने सीएम और पीएम के इस नारे को महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में भी प्रमुखता से आजमाने का फैसला लिया।

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यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में भाजपा के अपेक्षित प्रदर्शन नहीं होने के बाद उनपर इस बार उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव बना है। इसके साथ ही अन्य राज्यों में उनके प्रचार वाली सीटों पर हार-जीत से कई समीकरण तय होंगे।

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के साथ ही साथ महाराष्ट्र और झारखंड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभाओं वाली सीटों पर हार-जीत का आंकड़ा उनका आगे का राजनीतिक कद तय करेगा। तीनों ही राज्यों में सीएम योगी के नारे “बंटोगे तो कटोगे” के सबसे ज्यादा चर्चा रही है।

दावा है कि हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों में सीएम योगी के इस नारे ने भाजपा को हैट्रिक लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। लिहाजा योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद फायरब्रांड हिंदुत्व के दूसरे बड़े राष्ट्रीय चेहरे के रूप में देखा जाने लगा है।

यूपी के अलावा महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ रैलियां किया थीं। जहां उन्होंने बंटोगे तो कटोगे के संदेश को प्रमुखता से लोगों के बीच पहुंचाया था। इसे लेकर विपक्ष की बेचैनी भी बढ़ गई थी। ऐसे में अगर चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में आते हैं तो योगी आदित्यनाथ का कद राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक बढ़ना तय माना जा रहा है।

यूपी में दांव पर प्रतिष्ठा

वहीं यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य में भाजपा के लचर प्रदर्शन के बाद सीएम योगी की वह धमक कम हो गई है, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री योगी की धमक को वापस लाने और पार्टी के शीर्ष नेताओं का भरोसा दोबारा कायम करने के लिहाज से काफी मायने रखते हैं।

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बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने कहा कि वह पिछले 40 सालों से राजनीति में हैं और इतने मूर्ख नहीं हैं कि विरोधी पक्ष के होटल में जाकर मतदाताओं को पैसे बांटने का काम करें।

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने बुधवार को मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांटने के आरोपों को एक बार फिर खारिज किया है। तावड़े ने कहा कि वह नियमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और मूर्ख नहीं हैं कि राजनीतिक विरोधियों के होटल में इस तरह का काम करेंगे। विधानसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले, बहुजन विकास अघाड़ी के नेता हितेंद्र ठाकुर ने मंगलवार को तावड़े पर वोटरों को लुभाने के लिए मुंबई से 60 किलोमीटर दूर विरार के एक होटल में 5 करोड़ रुपये बांटने का आरोप लगाया।

‘मैं 40 वर्षों से राजनीति में हूं’

BVA नेताओं के 5 करोड़ रुपये नकद बांटे जाने के दावों के बीच, एक चुनाव अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि होटल के कमरों से 9.93 लाख रुपये कैश बरामद किए गए हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि वह केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन दे रहे थे। तावड़े ने कहा,‘विवांता होटल (पालघर के विरार में) ठाकुरों का है। मैं मूर्ख नहीं हूं कि उनके होटल में जाऊं और वहां पैसे बांटूं।’ बीजेपी नेता ने कहा कि वह 40 वर्षों से राजनीति में हैं और नियम-कायदों, खासकर चुनाव से पहले की ‘मौन अवधि’ से वाकिफ हैं।

‘मैं प्रचार नहीं कर रहा था’

तावड़े ने कहा, ‘मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से अनौपचारिक बातचीत कर रहा था। मैं प्रचार नहीं कर रहा था।’ उन्होंने कहा कि वह केवल पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदान प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा कर रहे थे। विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने चुनाव आयोग से मामले की व्यापक जांच की मांग की है। तावड़े ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि राष्ट्रीय नेता इस मुद्दे में शामिल हो गए हैं। तावड़े ने दोहराया कि उनके पास से कोई रकम बरामद नहीं हुई है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘राहुल गांधी और सुप्रिया सुले ने जो 5 करोड़ रुपये देखे हैं, कृपया उन्हें मुझे भेज दें। वे इसे मेरे बैंक अकाउंट में जमा करा सकते हैं।’

पुलिस ने दर्ज किए कई मामले

पुलिस ने पालघर के होटल में वोटरों को कथित तौर पर कैश बांटने के मामले में तावड़े, बीजेपी उम्मीदवार राजन नाइक और अन्य के खिलाफ मंगलवार को 2 FIR दर्ज की। बीजेपी और बहुजन विकास अघाड़ी के पदाधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की कोशिश के लिए एक अलग FIR दर्ज की गई। विधानसभा चुनाव के लिए लागू चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए पालघर जिले के तुलिंज पुलिस थाने में 3 केस दर्ज किए गए।

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महाराष्ट्र में तेज जुबानी जंग के बीच चुनाव प्रचार थमा। राहुल ने वादों की झड़ी लगाई तो बीजेपी की तरफ से भी जुबानी तीर चले। वहीं, शरद पवार ने भतीजे अजित पवार पर वार किया तो असली-नकली शिवसेना की जंग भी सामने आई।

महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को पार्टियों के बीच जमकर वार-पलटवार हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस में एक तिजोरी लेकर पहुंचे और उसे खोलकर कुछ पोस्ट निकाले और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने बीजेपी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे पर तंज कसा और पोस्टर में पीएम मोदी एवं उद्योगपति गौतम अडानी को दिखाकर नारे का मतलब समझाया। राहुल ने आरोप लगाया कि मुंबई के धारावी को बीजेपी सरकार ने अडानी को दे दिया।

राहुल के हमले के जवाब में बीजेपी ने भी तुरंत प्रेस कांफ्रेंस की और बैकग्राउंड में बड़ा सा पोस्टर लगवाया, जिसमें शरद पवार, अशोक गहलोत, रॉबर्ट वाड्रा, रेवंत रेड्डी, भूपेंद्र हुड्डा के साथ गौतम अडानी की तस्वीरें थीं। बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि अडानी का सबसे ज्यादा विकास कांग्रेस के राज में हुआ। तावड़े ने कहा कि जब कांग्रेस सरकारें अडानी के साथ डील करती हैं तो वो सही है, लेकिन बीजेपी की सरकार में विकास के कामों के टेंडर ट्रांसपेरेंट तरीके से अडानी को मिलते हैं, तो कांग्रेस को खटकते हैं।

राहुल के वार पर बीजेपी का पलटवार

विनोद तावड़े ने मुंबई में हमला बोला तो बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा दिल्ली में पोस्टरों के साथ प्रेस कांफ्रेस की। एक पोस्टर में सोनिया राहुल को नेशनल हेराल्ड मामले का आरोपी दिखाया गया और दूसरे में लिखा था, ‘छोटा पोपट ने कर दिया कांग्रेस को चौपट’। संबित पात्रा ने कहा कि राहुल ने जो आरोप लगाए हैं इसके लिए उन्हें वैसे ही माफी मांगनी पड़ेगी जैसे 2019 में ‘चौकीदार चोर है’ वाले नारे के लिए मांगनी पड़ी थी।

चाचा-भतीजे में जुबानी जंग

मुंबई में कांग्रेस और बीजेपी के बीच गर्मागर्मी दिखी तो बारामती में भी शरद पवार और अजित पवार के बीच जुबानी जंग चुनावी आतिशबाजी में बदल गई। शरद पवार ने अजित पवार का नाम लिए बगैर कहा कि उनसे जिसने भी पंगा लिया उसका राजनीतिक करियर खत्म हो गया। अजित पवार ने भी अपने चाचा को संतुलित भाषा में जवाब दिया। अजित पवार ने कहा कि उन्हें चाचा राजनीति में जरूर लेकर आए, लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत और मेहनत से जिम्मेदारी को निभाया, इसलिए बारामती के लोग उन्हें शरद पवार की तरह प्यार देते हैं।

कौन है असली शिवसेना?

प्रचार के आखिरी दिन शिवसेना-यूबीटी ने महायुति पर जोरदार हमला करते हुए बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे पर कटाक्ष किया। उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे को गद्दार कह दिया, तो सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर ही बाला साहब की विचारधारा छोड़ने का आरोप लगा दिया और कहा कि इसलिए उन्हें कार्यकर्ताओं ने छोड़ दिया। शिंदे ने कहा कि बाला साहब के विचार से मैंने नहीं उद्धव ने गद्दारी की है। पार्टियों के वार पलटवार के बाद अब 20 नवंबर का इंतजार है जब महाराष्ट्र में लोग वोट डालेंगे और 23 नवंबर को पता चलेगा कि जनता किस पार्टी और गठबंधन की बातों से प्रभावित हुई।

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