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Rajesh Khanna का 2012 में निधन हो गया था। अगर आज रेजेश खन्ना हमारे बीच होते तो 82वां जन्मदिन मना रहे होते। राजेश खन्ना की शोहरत और ढलान का गवाह उनका बंगला आर्शीवाद रहा है। इसी बंगले ने एक सुपरस्टार गढ़ा जिसका नाम पड़ा राजेश खन्ना।

Rajesh Khanna: पश्चिमि मुंबई के मशहूर उपनगर बांद्रा में एक कार्टर रोड नाम की जगह है। ये जगह आज फिल्मी सितारों के बंगलों के लिए जानी जाती है। इसी रोड पर कभी ‘भूत बंगला’ के नाम से मशहूर एक घर है, जिसने बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार गढ़ा। इसी सुपरस्टार का नाम है राजेश खन्ना और आज अगर वे जिंदा होते तो 82वां जन्मदिन मनाते। 18 जुलाई 2012 को दुनिया को अलविदा कहने वाले राजेश खन्ना के लिए ये बंगला किसी लॉट्री टिकट से कम नहीं था।

ये महज एक इत्तेफाक ही था कि कभी इस बंगले का नाम ‘डिंपल’ हुआ करता था। लेकिन ये तब की बात है जब राजेश खन्ना और डिंपल एक दूसरे को जानते भी नहीं थे। बाद में इस बंगले का नाम रखा आर्शीवाद और इसकी मालिकिन बनीं डिंपल कपाड़िया। राजेश खन्ना की जिंदगी एक रोलरकोस्टर राइड रही है और शोहरत का वो फलक चूमा जिसका किसी ने कभी सपना भी नहीं देखा था। आज हम आपको बताते हैं ‘भूत बंगला’ के नाम से मशहूर हुए घर की कहानी जिसने राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाया और खुद पूरी मुंबई में एक पता बन गया।

किसी से किस्मत खरीदी और बन गए सुपरस्टार

बांद्रा बैंडस्टैंड मुंबई का वो इलाका है जहां रोजाना हजारों लोग अपने पसंदीदा फिल्मी सितारों की झलकियां पाने के लिए टहलते दिखते रहते हैं। यहीं पर राजेश खन्ना का बंगला हुआ करता था जिसका नाम था आर्शीवाद। लेकिन इस बंगले की आर्शीवाद बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। राजेश खन्ना से पहले ये बंगला बॉलीवुड के स्टार रहे एक्टर राजेंद्र कुमार के नाम पर था। राजेंद्र कुमार ने साल 1957 में ‘मदर इंडिया’ और 1959 में ‘धूल का फूल’ जैसी फिल्में की और काफी नाम कमाया।

इस समय राजेंद्र कुमार सांता क्रूज नाम की जगह पर किराए से रहते थे। लेकिन करियर की गाड़ी चल निकलने के बाद अच्छी जगह शिफ्ट होने का मन बना रहे थे। इसी दौरान एक ब्रोकर ने उन्हें कार्टर रोड का एक बंगला दिखाया। ये बंगला समुंद्र की ठंडी हवाओं से भरा रहता था। राजेंद्र कुमार को ये बंगला पसंद आया और उन्होंने 65 हजार रुपयों में इसे खरीद लिया। तब इस बंगले को भूत बंगला के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन राजेंद्र कुमार ने इस बंगले का नाम अपनी बेटी के नाम पर ‘डिंपल’ रखा। इस बंगले को खरीदते ही राजेंद्र कुमार की किस्मत फिर गई और रातों-रात स्टार बन गए। राजेंद्र कुमार जब शोहरत के चरम पर पहुंचे तो उन्होंने एक और घर लिया और वहां शिफ्ट हो गए।

यहां से शुरू हुआ राजेश खन्ना का सफर

साल 1960 का दशक खत्म होने जा रहा था और हिंदी सिनेमा में राजेश खन्ना नाम का हीरो छाने लगा था। 1969 में राजेश खन्ना की कामयाबी ने दस्तक दी और फिल्मी दुनिया को हिलाकर रख दिया। लगातार 15 सुपरहिट फिल्में देने वाले राजेश खन्ना ने 1969 में इस बंगले को 3 लाख रुपये में खरीदा था। इस बंगले को खरीदने के बाद राजेश खन्ना ने इसका नाम रखा ‘आर्शीवाद’। इस बंगले के खरीदने के बाद ही राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बने और आर्शीवाद खुद पूरी मुंबई में एक पता बन गया।

आर्शीवाद में आने वाले खतों में भी केवल राजेश खन्ना, आर्शीवाद, मुंबई पता लिखा होता था। राजेश खन्ना के लिए ये बंगला काफी लकी साबित हुआ और यहीं उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली। साल 2012 में राजेश खन्ना का निधन हो गया और 2014 में इस बंगले को 90 करोड़ रुपयों में किसी व्यापारी ने खरीद लिया। राजेश खन्ना इस घर को एक संग्रहालय में बदलना चाहते थे।

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